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क्या है विकास खन्ना का जीवन दर्शन? जानें उनके विचारों में छिपा गूढ़ ज्ञान

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विकास खन्ना का गूढ़ संदेश

मुंबई, 2 जून। प्रसिद्ध शेफ विकास खन्ना ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से हिंदू धर्म के गहरे ज्ञान को साझा किया। उन्होंने भगवद गीता का उल्लेख करते हुए जीवन के वास्तविक अर्थ पर प्रकाश डाला।


इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक वीडियो में, विकास ने लिखा, "पिछले हफ्ते हमने अपने बंगले को प्रार्थना झंडों से सजाया। मैंने भी इन्हें अपनी छत पर रखा है। मुझे यह देखकर गहरा प्रभाव पड़ा कि ये झंडे धीरे-धीरे फीके और घिसते जाते हैं। यह नश्वरता का प्रतीक है। एक दिन सब कुछ समाप्त हो जाएगा और फिर से नया जन्म लेगा।"


उन्होंने आगे कहा, "एक दिन ऐसा आएगा जब हम गंगा जल का अंतिम घूंट लेंगे, आखिरी त्योहार मनाएंगे, अंतिम पकवान बनाएंगे, अंतिम फूल चढ़ाएंगे, या जन्मदिन के लिए आखिरी मोमबत्ती जलाएंगे।"


विकास ने हिंदू धर्म के महत्व को समझाते हुए कहा, "हिंदू धर्म हमें सिखाता है कि जो समाप्त होता है, वह फिर से शुरू होता है। यह दूसरे रूप में और दूसरे स्थान पर, समय के दूसरे क्षण में पुनर्जन्म लेता है, जब तक हम जीवित हैं और सेवा करते हैं।"


उन्होंने भगवद गीता का एक महत्वपूर्ण श्लोक भी साझा किया, "जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च" जिसका अर्थ है कि जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु निश्चित है और जो मरता है, उसका जन्म भी निश्चित है।


इससे पहले, विकास ने अपने बचपन के संघर्ष के बारे में भी बताया, जब वह क्लबफुट से पीड़ित थे। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैसे इस समस्या ने उनके जीवन को प्रभावित किया।


इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में, उन्होंने बताया कि टेढ़े पैरों के कारण उन्हें दौड़ने और अन्य गतिविधियों में कठिनाई का सामना करना पड़ा। इस समस्या से निजात पाने के लिए उन्होंने क्लबफुट सर्जरी करवाई थी।


काम की बात करें तो विकास खन्ना हाल ही में 'सेलिब्रिटी मास्टरशेफ' शो में जज के रूप में दिखाई दिए थे, जहां अभिनेता गौरव खन्ना ने खिताब जीता।


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